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Shitla Mata Chalisa | श्री शीतला माता चालीसा सम्पूर्ण पाठ

Shitla Mata Chalisa

Shitla Mata Chalisa in Hindi | श्री शीतला माता चालीसा सम्पूर्ण पाठ

🌸 ॥ श्री शीतला माता चालीसा ॥

जय जय शीतला माता,
सभी संकटों को हरने वाली माता॥

घरे-घरे में जो प्रकट हो,
संतान सुख देने वाली माता॥

दूध-चूड़ी का जो भोग लगाए,
उसका जीवन सदा सुखी हो जाए॥

जो शीतला माता का व्रत करे,
उसके घर से हर संकट दूर हो जाए॥

दूषित रोग और बीमारी को नष्ट करती,
शीतला माता सब दुखों को हरती॥

झोलाछाप से रोग दूर भगाए,
कृपा से हर घर में लक्ष्मी आए॥

सभी को शीतला माता की पूजा करनी चाहिए,
संतान सुख और शांति पाने के लिए॥

शीतला माता कृपा से घर में सुख-शांति रहती है,
जो पूजा में विश्वास रखे, वह न कभी दुखी रहता है॥

चरणों में बसी है माता की शक्ति,
सभी के दुखों को समाप्त करती।

शीतला माता की पूजा से जीवन में बदलाव आता है,
जो कोई सच्चे मन से पूजा करता है, उसे पुण्य का फल प्राप्त होता है॥


🌸 ॥ दोहा ॥

जो शीतला माता की पूजा सच्चे मन से करे,
उसका जीवन हमेशा खुशहाल और हर समस्या से दूर रहे॥

Shitla Mata Chalisa in Hindi


🌟 शीतला माता चालीसा के लाभ:

  • 🚩 रोगों का नाश: शीतला माता की पूजा और चालीसा का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक बीमारियाँ दूर होती हैं। यह माता विशेष रूप से संक्रामक रोगों से बचाने वाली मानी जाती हैं।

  • 🚩 घर में सुख और शांति: माता के कृपा से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है। शीतला माता घर के आंतरिक झगड़ों को दूर करती हैं और परिवार में प्रेम बढ़ाती हैं।

  • 🚩 संतान सुख प्राप्ति: जो दंपत्ति संतान सुख की कामना रखते हैं, वे शीतला माता की पूजा से शीघ्र संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं।

  • 🚩 सभी संकटों से मुक्ति: शीतला माता का व्रत और चालीसा सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाता है। यह विशेष रूप से गर्मी के मौसम में होने वाली बिमारियों से बचाता है।

  • 🚩 आध्यात्मिक उन्नति: नियमित रूप से शीतला माता का पाठ करने से भक्त की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह अपने जीवन में संतुलन बना सकता है।


🌸 शीतला माता चालीसा पाठ विधि:

  1. स्थान: शीतला माता का व्रत घर में साफ-सुथरे स्थान पर करें। खासकर उस स्थान पर जहाँ शांति बनी हो।

  2. समय: शनिवार या मंगलवार के दिन विशेष रूप से शीतला माता का व्रत और चालीसा पाठ करना शुभ होता है।

  3. भोग अर्पण: शीतला माता को दूध, चूड़ी और अन्य साधारण भोग अर्पित करें। खासतौर पर चूड़ी अर्पित करना शुभ माना जाता है।

  4. प्रार्थना: चालीसा का पाठ करते समय माता से संतान सुख, रोग मुक्त और सुखी जीवन की प्रार्थना करें।


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