Top 60+ Famous Hindi Stories for Kids

बच्चों के लिए 60+ Famous Hindi Stories for Kids
1. सच्चाई की जीत
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब लकड़हारा रहता था। उसका नाम रामू था। रामू बहुत मेहनती था और रोज़ जंगल जाकर लकड़ी काटता, फिर बाजार में बेचता। उसकी आमदनी बहुत कम थी, लेकिन वह ईमानदारी से काम करता था। एक दिन रामू नदी के किनारे पेड़ काट रहा था। वह अपना सबसे कीमती औज़ार, कुल्हाड़ी, लेकर गया था। अचानक कुल्हाड़ी उसके हाथ से फिसल गई और नदी में गिर गई। वह बहुत दुखी हुआ क्योंकि कुल्हाड़ी के बिना वह काम नहीं कर सकता था। वह नदी के किनारे बैठा और सोचने लगा, “अब मैं क्या करूँ? कुल्हाड़ी के बिना मेरा काम रुकेगा।” तभी नदी से एक जलपरी निकली। वह बहुत सुंदर थी और उसकी आवाज़ बहुत मधुर थी। उसने पूछा, “तुम क्यों दुखी हो?” रामू ने सारी बात बताई। जलपरी ने कहा, “डरो मत, मैं तुम्हारी मदद करूंगी।” जलपरी ने नदी में डुबकी लगाई और सबसे पहले सोने की कुल्हाड़ी निकाली। उसने पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” रामू ने कहा, “नहीं, मेरी कुल्हाड़ी लोहे की है।” जलपरी ने फिर चाँदी की कुल्हाड़ी निकाली और पूछा, “क्या यह तुम्हारी है?” रामू ने फिर मना किया। अंत में जलपरी ने लोहे की कुल्हाड़ी निकाली, जो सच में रामू की थी। रामू बहुत खुश हुआ। जलपरी ने उसकी ईमानदारी देखी और उसे तीनों कुल्हाड़ियाँ दे दीं। रामू गाँव वापस जाकर खुशहाल जीवन बिताने लगा।
शिक्षा: सच्चाई और ईमानदारी सबसे बड़ा धन है।
2. शेर और चूहा
बहुत समय पहले जंगल में एक बड़ा और शक्तिशाली शेर रहता था। एक दिन वह गहरी नींद में सो रहा था। तभी एक छोटा सा चूहा खेल-खेल में शेर के ऊपर चढ़ गया। शेर जाग गया और गुस्से में चूहे को पकड़ लिया। चूहा डर के मारे कांप रहा था और बोला, “मुझे छोड़ दो, मैं कभी तुम्हारी मदद करूंगा।” शेर हंसा और बोला, “तुम जैसे छोटे से जीव से मेरी क्या मदद हो सकती है? फिर भी मैं तुम्हें छोड़ देता हूँ।” कुछ दिन बाद शेर जंगल में शिकारी के जाल में फंस गया। वह जोर-जोर से दहाड़ने लगा लेकिन जाल से बाहर नहीं निकल पा रहा था। उसकी आवाज सुनकर वह छोटा चूहा वहां आया। उसने तेज़-तेज़ अपने दांतों से जाल काटना शुरू किया। थोड़ी ही देर में शेर आज़ाद हो गया। शेर बोला, “तुमने मेरी जान बचाई। अब मैं तुम्हारा हमेशा आभारी रहूँगा।”
शिक्षा: कभी किसी की मदद को छोटा मत समझो, एक दिन वो तुम्हारे काम आ सकता है।
3. बुद्धिमान कौआ
गर्मी का मौसम था और एक प्यासा कौआ जंगल में पानी की तलाश में भटक रहा था। बहुत दूर जाकर उसे एक खाली घड़ा मिला, जिसमें थोड़ा पानी था। लेकिन पानी इतनी गहराई में था कि कौआ की चोंच पानी तक नहीं पहुँच पा रही थी।
कौआ ने सोचा, “मैं पानी पीना चाहता हूँ, पर पानी तक कैसे पहुँचूं?” फिर उसने एक चाल सूझी। उसने आसपास से छोटी-छोटी पत्थरें उठानी शुरू की और उन्हें घड़े के अंदर डालने लगा। जैसे-जैसे पत्थर घड़े में गिरते गए, पानी ऊपर आने लगा। अंत में पानी कौआ की चोंच तक पहुंच गया। कौआ ने खुशी-खुशी पानी पी लिया और अपनी प्यास बुझाई।
शिक्षा: समझदारी और धैर्य से हर समस्या का हल निकलता है।
4. खरगोश और कछुआ
बहुत समय पहले एक जंगल में एक तेज़ दौड़ने वाला खरगोश और एक धीमे-धीमे चलने वाला कछुआ रहते थे। खरगोश हमेशा अपने तेज़ दौड़ने पर गर्व करता और कछुए को नीचा दिखाता। एक दिन कछुआ बोला, “चलो, दौड़ लगाते हैं।” खरगोश ने हँसते हुए कहा, “ठीक है, मैं तुम्हें दिखाता हूँ कि मैं कितना तेज़ हूँ।” दौड़ शुरू हुई। खरगोश बहुत जल्दी आगे निकल गया और सोचा, “कछुआ बहुत धीमा है, मैं थोड़ा आराम कर लेता हूँ।” वह एक पेड़ के नीचे सो गया। इस बीच कछुआ धीरे-धीरे चलता रहा, रुका नहीं। जब खरगोश उठा, तो देखा कि कछुआ फिनिश लाइन के करीब था। खरगोश ने दौड़ लगाई, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी। कछुआ जीत गया।
शिक्षा: निरंतर प्रयास और धैर्य से सफलता मिलती है।
5. बंदर और मगरमच्छ
एक घने जंगल में एक चालाक बंदर रहता था। वह अक्सर पेड़ पर रहता और फल खाता। एक दिन एक मगरमच्छ नदी में तैरता हुआ आया। मगरमच्छ ने बंदर से दोस्ती की और उसे पेड़ से फल खिलाने का वादा किया। मगरमच्छ को अपनी पत्नी को बंदर का दिल खाना था। उसने बंदर को नदी में बुलाया और पकड़ लिया। मगरमच्छ बंदर को अपने घर ले जाने लगा। रास्ते में बंदर ने कहा, “मुझे पेड़ पर एक खास फल याद आया, जो मैंने तुम्हारे लिए छोड़ा है। क्या तुम मुझे पेड़ पर वापस छोड़ दोगे ताकि मैं उसे ले आ सकूँ?” मगरमच्छ ने सहमति दे दी। बंदर तुरंत पेड़ पर चढ़ गया और बोला, “तुम्हारा दिल तुम्हारे साथ नहीं है, इसलिए तुम मुझे नहीं मार सकते।” बंदर ने अपनी चतुराई से अपनी जान बचाई और खुशी-खुशी पेड़ पर वापस चला गया।
शिक्षा: मुश्किल समय में बुद्धिमानी से काम लेना चाहिए।
6. राजा और आलसी सेवक
एक बार एक राजा था, जिसका नाम वीरेंद्र था। उसके महल में बहुत सारे सेवक काम करते थे। उनमें से एक सेवक, मोहन, बहुत आलसी था। वह कभी भी काम ठीक से नहीं करता था और हमेशा काम टाल देता था। एक दिन राजा ने सोचा कि मोहन की चालाकी को सबके सामने लाया जाए। उसने मोहन को एक महत्वपूर्ण काम दिया और कहा, “यह काम समय पर पूरा करना होगा।” मोहन ने काम शुरू किया, लेकिन उसने उसे टालते-टालते अंत तक पूरा नहीं किया। जब राजा ने काम देखा, तो वह नाराज हुआ। राजा ने मोहन को बुलाकर समझाया, “काम में मेहनत करो, तभी सम्मान मिलेगा। आलस्य से कुछ भी हासिल नहीं होता।” मोहन ने अपनी गलती स्वीकार की और भविष्य में मेहनत करने का वादा किया।
शिक्षा: मेहनत और लगन से ही सफलता मिलती है।
7. सुनहरी बतख
एक बार की बात है, एक किसान के पास एक सुनहरी बतख थी। वह रोज़ एक सुनहरा अंडा देती थी। किसान बहुत खुश था क्योंकि उस अंडे से वह अमीर हो रहा था। लेकिन किसान का लालच बढ़ने लगा। उसने सोचा, “अगर मैं बतख को मार दूं तो सारे सुनहरे अंडे एक साथ मिल जाएंगे।” अगले दिन किसान ने अपनी सुनहरी बतख को मार दिया। लेकिन उसे कोई सुनहरा अंडा नहीं मिला। वह बहुत दुखी हुआ।
शिक्षा: लालच बुरी चीज़ है, इससे नुकसान होता है।
7. सुनहरी बतख (विस्तार से)
बहुत समय पहले की बात है, एक किसान था जिसका नाम हरिदास था। हरिदास गरीब था लेकिन उसके पास एक खास बतख थी। यह बतख रोज़ एक सुनहरा अंडा देती थी। यह सुनहरा अंडा बेचकर हरिदास अपनी और अपने परिवार की ज़रूरतें पूरी करता था। हरिदास बहुत खुश रहता था क्योंकि वह रोज़ कुछ न कुछ कमा लेता था। लेकिन धीरे-धीरे उसकी लालच बढ़ने लगी। वह सोचने लगा, “अगर मैं इस बतख को मार दूं, तो शायद अंदर से सारे सुनहरे अंडे एक साथ मिल जाएंगे। इससे मैं तुरंत बहुत अमीर बन जाऊंगा।” एक दिन हरिदास ने अपनी सोच पर काबू नहीं पाया। उसने अपनी सुनहरी बतख को मार दिया। लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि वह बतख अंदर से सामान्य थी, उसमें कोई सुनहरा अंडा नहीं था। अब हरिदास के पास न तो सुनहरा अंडा था और न ही बतख। वह बहुत दुखी हुआ और पछतावा करने लगा। उसने समझा कि लालच ने उसे सब कुछ से वंचित कर दिया।
शिक्षा: लालच इंसान को नुकसान पहुंचाता है। जो चीज़ धीरे-धीरे और सही तरीके से मिलती है, वही सबसे अच्छी होती है। जल्दबाजी और लालच से हमेशा हानि होती है।
8. एकता में बल
बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव के पास चार बैल रहते थे। वे हमेशा साथ में चरते और खेलते थे। वे एक-दूसरे के अच्छे दोस्त थे। एक दिन जंगल में एक शेर आ गया। शेर ने चारों बैलों पर हमला कर दिया। बैल डर गए और अलग-अलग भाग गए। शेर ने आसानी से उन सभी को पकड़ लिया। बैलों ने पछतावा किया कि अगर वे एक साथ रहते और मिलकर लड़ते तो शेर को हरा सकते थे। तभी उन्हें समझ आया कि एकता में ही शक्ति होती है। फिर से वे मिलकर रहने लगे और शेर के आने पर साथ में उसका सामना करने लगे।
शिक्षा: हमेशा एकजुट रहो क्योंकि एकता में बड़ी ताकत होती है।
9. चालाक सियार
बहुत समय पहले जंगल में एक सियार और एक चूहा रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे। एक दिन शेर ने चूहे को पकड़ लिया और उसे खाने की सोचने लगा। सियार ने शेर से कहा, “महाराज, मैं जादूगर हूँ। अगर आप मुझे छोड़ देंगे तो मैं आपके लिए जादू दिखाऊंगा।” शेर ने उसकी बात मान ली और उसे छोड़ दिया। सियार और चूहा मिलकर शेर से बचने के लिए कई चालाकी से काम करते रहे। वे हमेशा सतर्क रहते और शेर की योजना को बिगाड़ देते। सियार ने बुद्धिमानी से काम लेकर अपने और अपने दोस्त की जान बचाई।
शिक्षा: मुश्किल समय में समझदारी और चालाकी से काम लेना चाहिए।
10. मुर्गा और लोमड़ी
एक बार एक गाँव में एक मुर्गा रहता था, जो रोज़ सुबह तेज़ आवाज़ में कूक करता था। उसका कूक सुनकर सारे जानवर जाग जाते थे। एक लोमड़ी थी, जो मुर्गे को फंसाने की सोच रही थी। वह मुर्गे के पास गई और बोली, “जंगल में खतरा है, हमें सतर्क रहना चाहिए।” मुर्गा समझदार था। उसने अपनी तेज़ आवाज़ से पूरे जंगल को आगाह किया और सभी जानवर सतर्क हो गए। लोमड़ी की चालाकी नाकाम हो गई। मुर्गा और सारे जानवर सुरक्षित रहे।
शिक्षा: सतर्क रहना और दूसरों को भी सतर्क करना ज़रूरी है।