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Hanuman Vadvanal Stotra – श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र

Hanuman Vadvanal Stotra - श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र

🚩 श्री Hanuman Vadvanal Stotra — संकटों का नाशक, विघ्नों का विनाशक दिव्य पाठ 🚩

ॐ अस्य श्रीहनुमद्वडवानलस्तोत्रमंत्रस्य श्रीरामचन्द्रऋषिः अनुष्टुप् छन्दः
श्रीहनुमान् देवता हं बीजं ह्रीं शक्तिः क्रौं कीलकम् हनुमत्प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥

श्रीरामदूताय नमः ॥

उद्यद्रविकोटिप्रतीकाशं मेघालयमम्बुदसन्निभाकृतिम्।
शृणु स्वपदं शशिनन्दनाननं मनःकृतनमस्कृतिविघ्नमाशु मे ॥ 1 ॥

जगत्त्रयस्थापननित्यलीलया जटा भराभारविभूषितात्मनः।
कपीन्द्र इत्यखिलामरवन्दितं नमामि विघ्नप्रशमाय विघ्नहृत् ॥ 2 ॥

श्रीरामकृपापूरितात्मसंश्रयम् सुरासुरैर्नुमितपादपंकजम्।
नमामि वाञ्छितसिद्धिदायकं कपिप्रवीरं हनुमन्तमीश्वरम् ॥ 3 ॥

श्रीरामकण्ठस्थितजानकीदृढं दृढप्रेमभक्तिस्वरसं प्रतिष्ठितम्।
दीनार्तिहर्तारमसाध्यसाधकं नमामि विघ्नं प्रशमं प्रशान्तये ॥ 4 ॥

आनन्दसिन्धुं रसिकैकविग्रहमानन्दरूपं जगतां त्रयीनुतम्।
सदैव ध्येयं मनसा मुनिवृन्दैरनाद्यनन्तं हनुमन्तमीश्वरम् ॥ 5 ॥

वायुप्रसूनसुतनामधारिणं श्रीरामदासं भवरोगवैद्यम्।
सदाभयं भीमबलं प्रहृष्टं नमाम्यहं भीषणमाशु विघ्नहृत् ॥ 6 ॥

रामप्रभोः प्रियतमं प्रकटीतवीर्यं
लक्ष्मणप्राणधरनं द्रुमदण्डहस्तम्।
श्रीसिता शोकहरणं कपिकुलदीपं
श्रीहनुमन्तमिह भूतभयं हरन्तम् ॥ 7 ॥

रामेश्वरं रघुवरं हनुमन्तमेकं
श्रीसिद्धिदं सकलदुःखविनाशदक्षम्।
भीमाकृतिं भुजगभोगविभूषणाङ्गं
श्रीविग्रहं कपिवरं शरणं प्रपद्ये ॥ 8 ॥

इति श्रीहनुमद्वडवानलस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥


🔥 Hanuman Vadvanal Stotra: महत्त्व, लाभ और विधि 🔥

🙏 हनुमान वडवानल स्तोत्र का प्राचीन महत्त्व 🙏

हनुमान वडवानल स्तोत्र सनातन धर्म में एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली स्तोत्र माना जाता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएँ, संकट और मानसिक परेशानियाँ दूर होती हैं। “वडवानल” शब्द का अर्थ है — समुद्र के भीतर जलने वाली अग्नि। यह अग्नि बाहर से शांत दिखती है लेकिन अंदर से अत्यंत प्रचंड और विनाशकारी होती है। ठीक वैसे ही, हनुमान जी के इस रूप में छुपी हुई शक्ति है, जो भक्तों के सभी कष्टों को भीतर से भस्म कर देती है।

पुराणों और शास्त्रों में कहा गया है कि जब-जब मनुष्य पर संकट आता है, शनि की पीड़ा होती है, शत्रुओं से घिराव होता है, तब-तब हनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ संकटों को जलाकर राख कर देता है। यही कारण है कि इसे “संकटमोचक स्तोत्र” भी कहा जाता है।

🌟 हनुमान वडवानल स्तोत्र के दिव्य लाभ 🌟

  1. मानसिक शांति और तनाव मुक्ति:
    आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति मानसिक तनाव और चिंता से घिरा रहता है। इस स्तोत्र का नियमित पाठ मन को स्थिरता और आत्मबल देता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

  2. शत्रु बाधा का नाशक:
    यदि कोई व्यक्ति शत्रु बाधा, कोर्ट-कचहरी, या अन्य सामाजिक संघर्षों से परेशान है, तो हनुमान वडवानल स्तोत्र का जाप उसके लिए अत्यंत लाभकारी है। शत्रुओं की बुरी शक्तियाँ इस पाठ की अग्नि में जलकर समाप्त हो जाती हैं।

  3. नजर दोष और तंत्र-मंत्र से सुरक्षा:
    कई बार नजर दोष, तंत्र-मंत्र और बुरी आत्माओं के प्रभाव से व्यक्ति परेशान रहता है। यह स्तोत्र उस अदृश्य नकारात्मकता से बचाव करता है और घर-परिवार में सुख-शांति बनाए रखता है।

  4. स्वास्थ्य में लाभ:
    विशेष रूप से मानसिक रोग, डिप्रेशन, अनिद्रा और भय जैसी बीमारियों में यह स्तोत्र औषधि का कार्य करता है। प्राचीन ग्रंथों में इसे “भवरोगवैद्य” यानी संसार के रोगों का वैद्य (चिकित्सक) कहा गया है।

  5. सभी कार्यों में सफलता:
    कार्य में रुकावटें बार-बार आना, योजनाएँ असफल होना — इन सब विघ्नों का समाधान हनुमान वडवानल स्तोत्र के पाठ में निहित है। यह स्तोत्र सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।

🕉️ हनुमान वडवानल स्तोत्र जाप विधि (सही तरीका) 🕉️

यदि आप इस स्तोत्र के सम्पूर्ण लाभ पाना चाहते हैं, तो निम्नलिखित विधि से इसका पाठ करें:

  1. स्नान और शुद्धि:
    प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। विशेषकर लाल या केसरिया रंग पहनना शुभ माना जाता है।

  2. स्थान का चयन:
    घर के मंदिर, हनुमान जी के मंदिर, या किसी शांत और पवित्र स्थान पर बैठें। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना उत्तम रहता है।

  3. दीपक और धूप:
    श्री हनुमान जी के चित्र या प्रतिमा के सामने घी का दीपक और चंदन या कपूर की धूप जलाएँ।

  4. मंत्र ध्यान:
    श्रीराम और माता सीता का स्मरण कर हनुमान जी का ध्यान करें। फिर स्तोत्र का पाठ आरंभ करें।

  5. पाठ की संख्या:
    इसे कम से कम 11 बार, और विशेष साधना के लिए 21, 51 या 108 बार जाप करें। लगातार 21 या 40 दिन तक पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।

  6. विशेष दिन:
    मंगलवार और शनिवार को यह पाठ करना विशेष रूप से शुभ होता है। अमावस्या और पूर्णिमा के दिन भी इसका पाठ अत्यधिक फलदायक है।

🔥 वडवानल स्तोत्र क्यों है अद्वितीय? 🔥

हनुमान जी के अनेक स्तोत्र और पाठ हैं, जैसे कि हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड आदि। परंतु हनुमान वडवानल स्तोत्र का विशेष स्थान इसलिए है क्योंकि यह हनुमान जी के प्रचंड अग्निरूप का स्तवन करता है। जहाँ चालीसा भक्ति भाव बढ़ाती है, वहीं वडवानल स्तोत्र संकटों और नकारात्मक शक्तियों का तत्काल नाश करता है।

यह स्तोत्र मात्र पाठ नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली कवच है, जो हर दिशा से रक्षा करता है। यह अनजानी विपत्तियों और दुश्मनों की छिपी हुई चालों को भी विफल कर देता है।

📿 आध्यात्मिक साधना में वडवानल स्तोत्र का योगदान 📿

जो साधक गहन साधना करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह स्तोत्र अत्यंत उपयोगी है। तंत्र और मंत्र विद्या में इसे विशेष स्थान दिया गया है। यह साधक की ऊर्जा को बढ़ाता है और ध्यान में एकाग्रता लाता है। विशेष साधनाओं में इसे “विघ्ननाशक स्तोत्र” के रूप में प्रयोग किया जाता है ताकि साधना में कोई बाधा न आए।

🚩 निष्कर्ष: हर घर में अनिवार्य पाठ 🚩

आज के युग में, जहाँ मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह, कार्य में रुकावट और शारीरिक बीमारियाँ आम हो गई हैं, वहाँ हनुमान वडवानल स्तोत्र हर घर में एक सुरक्षा कवच बन सकता है। इसका नियमित पाठ घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और जीवन में सफलता, सुख और समृद्धि लाता है।


तो यदि आप भी अपने जीवन के संकटों का समाधान चाहते हैं और हर कार्य में विजय पाना चाहते हैं, तो आज से ही हनुमान वडवानल स्तोत्र का जाप आरंभ करें और श्री हनुमान जी की कृपा प्राप्त करें। 🚩


👉🏻 “हनुमान है वहाँ, जहाँ विश्वास है। और संकट वहाँ नहीं टिकता, जहाँ वडवानल स्तोत्र का पाठ होता है।”


Hanuman Chalisa भक्तों के लिए एक चमत्कारी पाठ है, जो जीवन के समस्त संकटों को हरता है और मन को शांति प्रदान करता है। यह 40 चौपाइयों का दिव्य संग्रह श्री गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचा गया है। रोजाना Hanuman Chalisa का पाठ करने से शत्रु बाधा दूर होती है, स्वास्थ्य में लाभ मिलता है और कार्यों में सफलता मिलती है। हनुमान जी की कृपा से भय, चिंता और मानसिक तनाव समाप्त होते हैं। यह स्तोत्र न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि एक शक्तिशाली साधना भी है जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। मंगलवार और शनिवार को विशेष फलदायी माना जाता है। जो भी श्रद्धा से Hanuman Chalisa का पाठ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। अभी से शुरू करें और अपने जीवन में हनुमान जी का आशीर्वाद पाएं।

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