6 Minutes Read Desi Kahani, Hindi Story सुभास शर्मा

एक पुरानी दोस्ती की Desi Kahani

एक पुरानी दोस्ती की Desi Kahani

Desi Kahani: एक पुरानी दोस्ती की कहानी

बचपन की दोस्ती, कभी ना भूलने वाली होती है। हमारे जीवन का एक ऐसा हिसा होता है, जो हमेशा हमारे दिल में रहता है, चाहे हम बड़े हो जाएं या दुनिया के कोने-कोने में चले जाएं। आज जो कहानी मैं आपको सुना रहा हूं, वह एक पुरानी दोस्ती की कहानी है, जो एक देश के छोटे से गांव में, एक साथ खेलते हुए दो दोस्तों की थी।

गांव का नाम था “पहली गली,” एक छोटा सा, शांत और सुंदर गांव, जहां हर किसी घर के आस-पास के खेतों में हरी-भरी गजैन उगती थी। यहां की रातें भी काफी प्यारी होती थीं, चांद की रोशनी से गहरी, जैसी कोई पुरानी कहानी जो हमारे दिल में अपने आप को ढूंढती हो।

शिव और मंजू की दोस्ती

शिव और मंजू, दोनो बचपन के दोस्त। शिव एक खुश-मिजाज लड़का था, जो हर वक्त खिलते हुए छोटे-छोटे फूलों को अपने मां-बाप के खेत से चुरा लेता था और उन्हें अपने दोस्तों को देकर उन्हें अपनी दोस्ती का इज़हार करता था। मंजू, एक पुरानी दोस्ती के इस रिश्ते की एकदुम सदी हुई लड़की थी। उसका दिमाग हमेशा हर काम में सोचता रहता था। उसका काम था, हर छोटी बात को समझना और उसके समय को अपने दिल में समेटना।

पहली बार, दोनों का मिलन तब हुआ था जब एक गर्मी की रात को, गांव के बच्चे अपने घर के आंगन में बैठ कर नदिया की कहानियां सुन रहे थे। मंजू एक छोटी सी छत के नीचे बैठी थी, जब शिव ने उसे एक फूल दिया था। मंजू थोड़ा हेयरां हुई थी, लेकिन शिव की मुस्कुराहट को देखकर उसने वो फूल अपने बालों में लगा लिया था। उस दिन के बाद, दोनों की दोस्ती और गहरी हो गई थी।

एक अहम मोड़: दोस्ती में दुविधा

दोस्ती कभी भी एक साथ चलती रहती है, जब तक कोई ऐसा मोड़ ना आए जो हमें अपनी पुरानी दोस्ती से दूर कर दे। शिव और मंजू की दोस्ती में भी ऐसा एक वक्त आया। एक दिन, शिव को अपने खेत में काम करते वक्त एक बड़े काम के लिए शहर जाना पड़ा। मंजू, जो अपनी जिंदगी में हमेशा घर के काम में व्यस्त थी, थोड़ा उदास हो गई थी। शहर जाने से पहले, शिव ने मंजू से कहा, “ये मेरे लिए एक नया मोड़ है, मंजू। तुम्हारा साथ हमेशा मुझे जरूरी लगेगा। मैं वापस आऊंगा, और हम फिर से वही पुरानी बातें करेंगे।”

शहर का सफर शुरू हुआ, लेकिन शिव को वापस आये कुछ महीने हो गये। मंजू की पुरानी बातें, शिव की मुस्कुराहट और उनकी दोस्ती के लम्हे अब उसके दिल में बस चुके थे। पर एक दिन, जब मंजू शिव के सफर के बारे में सोच रही थी, तब उससे एक छोटी सी बात पता चल गई। शिव का शहर के किसी लड़की से मिलना था।

मंजू के दिल में घबराहट थी. उसने सोचा, “क्या हमारी दोस्ती सच में वैसी ही रहेगी? क्या शिव को अपने नये जीवन का कोई और रास्ता मिल गया है?” ये ख्याल मंजू को एक छोटी सी उदासी में ले गया। लेकिन मंजू को ये भी समझना था कि दोस्ती को समझना और उस रिश्ते को समझना आगे बढ़ना जरूरी है।

शिव की वापसी आने की  Desi Kahani

एक दिन, एक भारी बारिश के बाद, जब पूरी गली की गलियाँ भीग गई थी, शिव वापस आया। मंजू अपनी चावल की छत पर खड़ी थी, तभी शिव ने उसे देखा। उसकी आँखों में एक थोड़ी सी उदासी थी, लेकिन जब शिव ने मंजू को देखा, तो उसकी पुरानी मुस्कान वापस आ गई। मंजू ने कुछ कहा नहीं, लेकिन शिव की आंखों में वो पुरानी दोस्ती की चमक थी।

शिव ने अपने सफर के बारे में बताया, और उसने कहा, “मंजू, मुझे अपने शहर की दुनिया अच्छी लगी, लेकिन यहां अपने गांव और अपनी पुरानी दोस्ती का जो सुकून है, वह किसी के पास नहीं हो सकता।”

मंजू की आंखों में आंसू थे, लेकिन वो खुश थी कि शिव वापस आ गया था। उसने शिव से कहा, “मैं समझती हूं, शिव। तुम्हें नए रास्ते पर चलना था, लेकिन ये जरूरी नहीं था कि हमारी दोस्ती खत्म हो जाए।”

एक नई शुरुआत

शिव और मंजू की दोस्ती फिर से पुरानी राहें ढूंढ रही थी। दोनों की जिंदगी में अब कुछ बदलाव आए थे, पर जो चीज सबसे जरूरी थी वो थी, उनकी दोस्ती की गहरी। उन्हें समझा कि ये दुनिया बहुत बड़ी है, लेकिन दोस्ती की असली जान तब होती है जब हम अपने पुराने लम्हों को याद करते हैं और उन्हें अपने जीवन का हिस्सा बना लेते हैं।

आज भी, जब दोनों के बीच बातें होती हैं, तो ये याद आता है कि दोस्ती कोई समय, जगह या स्थिति का मोहरा नहीं होती। ये तो बस दिल से दिल का रिश्ता होता है, जो कभी पुराना नहीं पड़ता।

अन्तिम शब्द

दोस्ती की ये कहानी हमारे जीवन की एक जरूरी सीख है। कभी-कभी, हम अपने दोस्तों को अपने रास्ते पर चलते देखते हैं और सोचते लगते हैं कि क्या हमारा रिश्ता वैसे का वैसा रहेगा। लेकिन असली दोस्ती वही होती है जो वक्त की बदलाव को अपने साथ लेकर चलती है, जो हमेशा अपने दोस्तों के साथ अपने रिश्तों को प्यार और समझ से निभाती है।

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