2 Minutes Read Desh Bhakti kavita Nisa Rani

Desh Bhakti Kavita: भारत के वीरों को श्रद्धांजलि

Desh Bhakti Kavita

Desh Bhakti Kavita: भारत मां के सच्चे सपूतों को समर्पित

भारत मां का लाल

1.भारत मां का लाल

धूल भरी राहों पर चलता,
सीना ताने पर्वत सा पलता।
ना डर बमों की आवाज़ों से,
जो सीमा पर हर दिन जलता।

मां ने दूध पिलाया जिसको,
वो कर्ज़ चुका गया सीने पर।
तिरंगा ओढ़ कर सोया है,
धरती बन गई है बिछौना फिर।

हर सांस में “वंदे मातरम्”,
हर धड़कन में “जय हिंद” है।
वो सैनिक भारत मां का लाल,
जिसके जज़्बे की कोई हद नहीं है।

मेरा भारत महान

2. मेरा भारत महान

हरियाली से लहराते खेत,
नदियाँ, पर्वत, उजले रेत।
हर कोने में बसती शान,
सच में है ये भारत महान।

त्याग, तपस्या, बलिदान की भूमि,
जहाँ हर दिल में बसती है उम्मीद।
भाषाएँ अनेक, पर एक ही जान,
हम सबका प्यारा हिंदुस्तान।

 तिरंगे की शान

3. तिरंगे की शान

तीन रंगों की ये पहचान,
भारत की है सबसे बड़ी जान।
केसरिया बलिदान बताता,
श्वेत शांति का गीत सुनाता।

हरा रंग है उम्मीदों का नाम,
तिरंगा है गौरव, अभिमान।
जिसके लिए जान भी हंस के जाए,
ऐसा देश, ये तिरंगा लहराए।

4. सैनिक की पुकार

रात ठंडी, दिन तपता है,
पर सीमा पर कोई न थमता है।
नींद नहीं, न आराम कभी,
भारत मां का रखवाला अभी।

गोलियों की बारिश झेले,
फिर भी चेहरे पर हँसी खेले।
कहता है बस एक ही बात —
“मेरा देश है, सबसे खास।”

सैनिक की पुकार
जवान कहानी पर पढ़े , ,