Best Horror Story in Hindi: सुहानी की खौ़फनाक भूतिया कहानी जो दिल को दहला देगी 3 months ago Horror Story By सुभास शर्मा 56 Views

सुहानी का भूतिया रहस्य – Horror Story in Hindi

Horror Story in Hindi: Chapter 1 – The Unsettling Beginning

भाग 1: अनजानी कॉल

सुहानी एक साधारण सी लड़की थी, जो अपने परिवार के साथ एक छोटे से शहर में रहती थी। रोज़ की तरह, वह आज भी अपने कमरे में बैठकर किताबों में खोई हुई थी। परीक्षा की तैयारी के चलते उसे समय का बिल्कुल ध्यान नहीं था। कमरे की खिड़की से हल्की सी हवा आ रही थी और चाँद की हल्की रोशनी कमरे में फैली हुई थी।

तभी अचानक उसका मोबाइल बजा। सुहानी ने बिना देखे ही कॉल उठाया। “हैलो!” उसने कहा, सोचते हुए कि शायद कोई दोस्त कॉल कर रहा होगा। लेकिन दूसरी ओर से एक अजीब सी आवाज़ आई, जो जैसे उसके कानों में गूंज रही थी, “क्या तुम मुझे पहचानती हो, सुहानी?” वह आवाज़ सुहानी के लिए बिल्कुल अजनबी थी।

सुहानी का दिल एकदम से तेज़ हो गया। “क… कौन?” उसने डरते हुए पूछा, लेकिन उस आवाज़ ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर अचानक कॉल कट गई। सुहानी का दिल अब और भी तेज़ धड़क रहा था। उसने फोन को देखा और मन में सवाल उठे, क्या ये सिर्फ कोई मजाक था या फिर ये कुछ और था?

वह कमरे में अकेली थी, और जैसे ही उसने फोन रखा, उसे लगा जैसे कोई उसकी ओर देख रहा हो। कमरे में कोई हलचल नहीं थी, लेकिन फिर भी उसे एक अजीब सा डर महसूस हुआ। सुहानी ने कमरे की बत्तियाँ बुझा दीं और सोने की कोशिश की, लेकिन उस अजीब कॉल की याद और कमरे में फैली चुप्प, उसे चैन से सोने नहीं दे रही थी। क्या यह सब बस उसका भ्रम था, या फिर कुछ असामान्य उसके आस-पास था?

भाग 2: सन्नाटा और छाया

अगली रात, सुहानी को वो कॉल और उस अजनबी आवाज़ की याद सताने लगी। लेकिन उसने सोचा कि शायद यह बस किसी की शरारत होगी, और उसने उसे नजरअंदाज करने का फैसला किया। हालांकि, रात का सन्नाटा उसे बहुत डराने वाला महसूस हो रहा था। सुहानी अपने कमरे में बैठकर पढ़ाई करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन हर कुछ मिनट में उसकी नजरें कमरे के कोनों पर चली जातीं, जैसे किसी की छाया वहां खड़ी हो।

वह सोच रही थी कि क्या वह अपनी मानसिक स्थिति से कुछ ज़्यादा ही प्रभावित हो गई है। “क्या ये सब मेरी कल्पना है?” उसने खुद से पूछा। लेकिन तभी, उसे कमरे के बाहर हल्की सी आवाज़ आई। जैसे कोई दरवाजे से रगड़ता हुआ चल रहा हो। उसने पल भर के लिए सोचा कि शायद यह कोई जानवर होगा, लेकिन जब वह बाहर गई, तो वहाँ कुछ भी नहीं था।

उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई उसकी आँखों के सामने था, लेकिन दिखाई नहीं दे रहा था। उसके दिल की धड़कन तेज हो गई, और वह वापस अपने कमरे में लौट आई। अचानक, उसे खिड़की की तरफ से हल्की सी आवाज़ आई। उसने धीरे से पर्दा हटाया, लेकिन बाहर कुछ नहीं था। सुहानी के मन में सवालों की झड़ी लग गई, “क्या ये सिर्फ उसका भ्रम था या सच में कुछ अजीब हो रहा था?”

वह उस रात अकेले डर से बुरी तरह जूझ रही थी, और कोई भी उसे समझा नहीं पा रहा था। उसकी आँखों के सामने अजनबी आवाज़ें, और कमरे की खाली सन्नाटेदार चुप्प का डर उसे लगातार घेर रहा था।

अब सुहानी को यह समझ में आने लगा था कि वह जो कुछ महसूस कर रही थी, वह केवल उसकी कल्पनाएँ नहीं थीं। कहीं न कहीं, कुछ और था, जो उसे अपने कब्जे में ले चुका था।

भाग 3: फुसफुसाती आवाजें

कुछ दिनों बाद, सुहानी का डर और भी बढ़ गया था। वह अब रात में अकेले सोने में डरने लगी थी, और जैसे ही अंधेरा छाता, उसे ऐसा लगता जैसे कमरे में किसी और का होना महसूस हो रहा हो। वह अपने कमरे के हर कोने में देखने लगी, मानो वहां कोई छुपा हो। एक रात, जब वह बिस्तर पर लेटी थी, अचानक उसका मोबाइल बजा। सुहानी ने जल्दी से उठकर फोन उठाया।

“तुमसे बहुत कुछ छिपा है, सुहानी,” वही आवाज़, जो पहले फोन पर आई थी, अब सीधे उसके कानों में गूंज रही थी।

सुहानी का दिल कांप उठा। “क… कौन हो तुम?” उसने डरते हुए पूछा। लेकिन अब वो आवाज़ और भी रहस्यमय और डरावनी हो गई थी। “तुमसे जुड़ी एक कहानी है, सुहानी, एक गहरी कहानी जो तुम नहीं जानती,” आवाज़ फिर से बोली।

सुहानी का मन समझ नहीं पा रहा था कि ये सब क्या हो रहा था। वह अपने आप से सवाल करने लगी, “क्या यह सब मेरे साथ हो रहा है या मैं फिर से कोई बुरा सपना देख रही हूँ?” लेकिन हर बार जब वह फोन रखती, वह महसूस करती जैसे कोई उसका पीछा कर रहा हो, जैसे किसी अजनबी की आँखें उसकी हर हरकत पर नजर रख रही हों।

उसने फिर से बत्तियाँ बुझाईं और बिस्तर पर लेटने की कोशिश की, लेकिन उस आवाज़ का डर उसकी आँखों में घुल चुका था। वह लगातार सोने की कोशिश करती रही, लेकिन उसे महसूस हो रहा था कि कमरे में कुछ हलचल हो रही है। कोई उसकी आँखों से छुप कर उसकी निगरानी कर रहा था। सुहानी ने अपनी आँखें बंद करने की कोशिश की, लेकिन उन फुसफुसाती आवाज़ों ने उसे सुकून से सोने नहीं दिया।

अब वह यह महसूस करने लगी थी कि यह सिर्फ एक काल्पनिक डर नहीं था, बल्कि कुछ सचमुच उसकी जिंदगी में घुस चुका था, जो उसे किसी न किसी रूप में पकड़ने की कोशिश कर रहा था।


Horror Story in Hindi: Chapter 2 – The Dark Secrets

भाग 1: खोई हुई यादें

सुहानी की रातें अब और भी डरावनी हो चुकी थीं। हर रात वह उसी आवाज़ और उन फुसफुसाती आवाज़ों के बारे में सोचती थी। वह दिन में भी डर के साये में जी रही थी। स्कूल जाती, तो भी उसे ऐसा लगता जैसे उसके आसपास कोई छिपा हो, और रात को सोने की कोशिश करते वक्त वह आवाजें उसे बेचैन कर देतीं। एक दिन, जब वह अपने पुराने खजाने की किताबों के ढेर में कुछ ढूंढ रही थी, तभी उसकी नज़र एक पुरानी डायरी पर पड़ी। यह डायरी उसकी माँ की थी, जो अब इस दुनिया में नहीं रही थीं।

सुहानी ने डायरी को ध्यान से खोला। पहले पन्ने पर लिखा था, “यह कहानी सुहानी की है, और इस कहानी का हर राज़ एक दिन उसे जानना होगा।” सुहानी के हाथ कांप रहे थे। क्या उसकी माँ ने उसे जानबूझकर ये सब लिखा था? डायरी के पन्नों में सुहानी ने पढ़ा कि उसकी माँ भी अपनी जवानी में ऐसी ही अजीब घटनाओं का सामना करती थीं, जो बाद में अजीब से भूतिया और रहस्यमय चीजों में बदल गईं।

“तुम वो लड़की हो, जिसने इस राज़ को फिर से उजागर किया है,” डायरी के आखिरी पन्ने पर यही लिखा था। सुहानी का मन चकरा गया। क्या उसकी माँ ने उसे सच में कुछ छुपाया था? और ये आवाजें, जो उसे लगातार परेशान कर रही थीं, क्या वे सच में किसी खतरनाक राज़ का हिस्सा थीं?

भाग 2: डर की सच्चाई

सुहानी अब कुछ नहीं समझ पा रही थी। उसकी माँ की लिखी बातें और वह कॉल, वह रहस्यमय आवाज़ें अब एक अजीब सी कड़ी बन चुकी थीं। उसने सोचा, क्या अगर इस सब का कोई और मतलब था? क्या वह किसी पुराने रहस्य को फिर से जगा रही थी? हर दिन वह इसी सवाल से घिरी रहती थी, लेकिन कुछ साफ नहीं हो पा रहा था।

एक दिन, सुहानी ने तय किया कि वह इस राज़ का पीछा करेगी। उसने अपनी दोस्त रिया को इसके बारे में बताया, और रिया ने उसे सलाह दी कि वह अपने घर के पास के पुराने मंदिर में जाए, जहां अजीब घटनाओं की अफवाहें हमेशा से चली आ रही थीं। सुहानी ने सोचा कि अगर वह मंदिर की ओर बढ़ेगी, तो शायद उसे कुछ और सुराग मिले।

रात के समय, सुहानी और रिया दोनों ने उस पुराने मंदिर की ओर रुख किया। मंदिर की बाहरी दीवारों पर धूल जमी हुई थी, और अंदर का माहौल अजीब सा सन्नाटा पैदा कर रहा था। जैसे ही वे मंदिर के भीतर पहुँचे, उन्हें महसूस हुआ कि कोई उन्हें देख रहा है। सुहानी की नजरें चारों ओर घूमने लगीं। तभी, अचानक उन्हें एक अजीब सी ध्वनि सुनाई दी, जैसे कोई धीरे-धीरे उन्हें पुकार रहा हो।

“यह क्या था?” रिया ने सुहानी से कहा, और दोनों डर के मारे एक दूसरे की ओर देखने लगीं। सुहानी की धड़कन तेज़ हो गई थी। क्या यह वही आवाज़ थी, जो उसे लगातार परेशान कर रही थी?

भाग 3: रहस्य का खुलासा

तभी, मंदिर के अंधेरे कोने से एक पुराना व्यक्ति बाहर आया। उसकी आँखें जैसे चमक रही थीं। वह धीमे कदमों से उनके पास आया और बोला, “तुम दोनों सही जगह आई हो। जो भी तुमने महसूस किया, वो सच है।” सुहानी और रिया चौंक गईं। “तुम क्या कहना चाहते हो?” सुहानी ने घबराते हुए पूछा।

“तुम दोनों को यह राज़ जानना होगा,” वह व्यक्ति बोला, “तुम्हारी माँ भी इस रास्ते पर चली थीं, लेकिन कुछ खो दिया था। वह एक जादूई शक्ति से जुड़ी थी, जो कभी किसी को भी अपने अंदर समेट सकती थी।” सुहानी के कानों में यह शब्द जैसे गूंज गए। क्या यह वही शक्ति थी, जो उसे परेशान कर रही थी?

व्यक्ति ने अगले शब्द कहे, “तुम्हारे पास वह शक्ति है, लेकिन इसे नियंत्रित करना होगा। यह तुम्हें हर जगह घेरने वाली है। तुम्हारी माँ ने इसे छोड़ दिया था, लेकिन तुम्हारे पास इसका सामना करने की ताकत है।”

सुहानी अब समझने लगी थी कि यह रहस्य सिर्फ उसके आसपास नहीं, बल्कि उसके अंदर भी छुपा था। अब उसे यह तय करना था कि वह क्या करेगी।

यह कहानी अब और भी गहरी हो चुकी थी। क्या वह उस शक्ति को संभाल पाएगी, या फिर वह उसे नष्ट कर देगी?


Horror Story in Hindi: Chapter 3 – The Awakening Darkness

भाग 1: छुपे हुए भय

सुहानी के दिल में अब ढेर सारे सवाल थे, और हर सवाल का जवाब उसे और भी गहरे डर की ओर खींच रहा था। वह मंदिर में मिली उस अजनबी व्यक्ति की बातों से घबराई हुई थी। क्या वह सच में अपनी माँ के खोए हुए राज़ को उजागर करने में सक्षम थी? या फिर यह सब उसे और भी खतरनाक रास्ते पर ले जाएगा?

सुहानी और रिया अब पूरी तरह से असमंजस में थीं। वे घर वापस लौट आईं, लेकिन सुहानी को अब वह खौफनाक आवाज़ें और रहस्यमय घटनाएँ और भी तीव्र लगने लगी थीं। हर रात उसे लगता जैसे किसी ने उसे घेर लिया हो, जैसे कमरे की दीवारों से कोई निकला हो। उसकी आँखों के सामने अंधेरे में छुपे हुए चेहरे दिखने लगे थे।

एक रात, जब वह सोने की कोशिश कर रही थी, उसे फिर वही कॉल आई। “तुम्हारी माँ ने इसे छिपाया था, सुहानी,” वह आवाज़ गहरी और खौ़फनाक थी। “अब तुम इसका सामना नहीं कर सकती, इसे तुमसे कभी नहीं बख्शा जाएगा।” सुहानी का दिल धड़कने लगा। उसकी नसों में डर दौड़ने लगा, लेकिन उसने हिम्मत जुटाकर उस आवाज़ से पूछा, “क… कौन हो तुम?”

सामने की खामोशी ने उसे और भी घेर लिया। कॉल कट गई। लेकिन अब वह समझ चुकी थी कि उसकी माँ की खोई हुई यादें और वह अजीब शक्ति सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि असली खतरा था।

भाग 2: अंधेरे का सामना

सुहानी ने महसूस किया कि अब वह अकेले नहीं रह सकती। वह रिया को अपने साथ लेकर उस पुराने मंदिर में लौट आई, जहाँ उस अजनबी व्यक्ति ने उसे चेतावनी दी थी। इस बार, सुहानी ने तय किया था कि वह इस राज़ का सामना करेगी, चाहे जो हो। मंदिर में घुसते ही उसे वही अजीब, डरावनी चुप्प सुनाई दी। हवा में कुछ था, जैसे समय खुद भी यहाँ रुक गया हो।

“तुम आ गई हो?” वही व्यक्ति फिर से सामने आया। उसकी आँखों में अब भी वही गहरी चमक थी। “तुम्हें यहाँ अपने अंदर छिपी शक्ति को पहचानना होगा, सुहानी। तुम्हारी माँ की तरह तुम भी इसे नहीं रोक पाओगी, लेकिन तुम इसे सही दिशा में इस्तेमाल कर सकती हो।”

सुहानी ने कड़ी निगाहों से उसे देखा, “क्या यह सच है? क्या मैं इसे नियंत्रित कर सकती हूँ?” उस व्यक्ति ने धीरे से कहा, “तुममें शक्ति है, लेकिन यह तुम्हारे भीतर से ही आएगी। तुम्हे खुद को ढूंढना होगा।”

इसी बीच, अचानक मंदिर की दीवारों से कुछ आवाजें आईं, जैसे कुछ पत्थर गिर रहे हों। सुहानी और रिया डर के मारे हिल गईं, लेकिन सुहानी ने तय किया कि वह डर के बजाय इस शक्ति का सामना करेगी। उसने अपनी आँखें बंद की और गहरी साँस ली।

भाग 3: अजीब शक्ति का रहस्य

तभी, सुहानी के भीतर एक अजीब सी गर्मी महसूस होने लगी। वह जैसे एक अलग ही दुनिया में खो गई। उसकी आँखों के सामने एक धुंधली सी रोशनी नजर आई, और वह महसूस करने लगी कि उसके आसपास एक शक्ति फैली हुई थी। वह महसूस कर रही थी जैसे यह शक्ति उसे पूरी तरह से घेर रही हो, और उसे समझ में आ रहा था कि यह वही ताकत थी जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी।

“तुम समझ चुकी हो, सुहानी,” उसी व्यक्ति की आवाज़ आई। “यह शक्ति तुम्हारे अंदर है। तुम्हारी माँ ने इसे छुपाया था, लेकिन तुम अब इसे पहचान सकती हो। तुम्हे इसे नियंत्रित करना होगा, नहीं तो यह तुम्हें निगल जाएगी।”

सुहानी ने अपनी आँखें खोली और महसूस किया कि वह अब पूरी तरह से बदल चुकी थी। उसके हाथों में एक अदृश्य ऊर्जा दौड़ रही थी, जो उसके आसपास की हवा को हिलाने लगी। वह अपने भीतर की शक्ति को पहचानने लगी, और उसे यह समझ में आया कि अब वह जो भी करेगी, उसे सचेत होकर करना होगा।

अब उसे यह तय करना था कि वह इस शक्ति को अच्छे के लिए इस्तेमाल करेगी या नहीं, क्योंकि यह शक्ति उसके हाथों में इतनी ताकत लेकर आ चुकी थी, कि उससे पैदा होने वाला हर फैसला उसके जीवन को पूरी तरह से बदल सकता था।

Horror Story in Hindi: Chapter 4 – The Battle Within


भाग 1: शक्ति का दबाव

सुहानी अब उस रहस्यमय शक्ति के साथ जीने की आदत डालने लगी थी, जो उसके भीतर समाई हुई थी। लेकिन यह शक्ति जितनी अद्भुत और शक्तिशाली थी, उतनी ही खतरनाक भी थी। वह अब अपने आसपास की हर छोटी-सी हलचल को महसूस कर सकती थी। जैसे ही वह कमरे में बैठती, उसे लगता जैसे उसकी शक्ति दीवारों को भी हिला रही हो। एक अजीब सी दबाव महसूस होने लगी थी, जैसे उसे हमेशा अपने अंदर की शक्ति को रोककर रखना पड़े।

हर रात, वह अपनी शक्ति के साथ और घबराई हुई महसूस करती थी। एक दिन, उसने तय किया कि वह अपनी शक्ति का पूरी तरह से परीक्षण करेगी, और जानने की कोशिश करेगी कि क्या वह इसे काबू कर सकती है। वह उस अजनबी व्यक्ति की सलाह को याद करने की कोशिश करती रही, “तुम्हें इसे नियंत्रित करना होगा, नहीं तो यह तुम्हें निगल लेगी।”

सुहानी ने सोचा कि अगर वह इसे नियंत्रित नहीं कर पाई तो क्या होगा। वह अपने कमरे में अकेले बैठी थी और उसने अपनी आँखें बंद कर ली। तभी, कमरे की हवा अचानक तेज़ होने लगी। दीवारों से आवाजें आनी लगीं, जैसे कुछ घबराए हुए हो। उसकी शक्ति ने एक बार फिर अपने आप को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन सुहानी ने उसे रोकने की कोशिश की। उसका शरीर कांप रहा था, लेकिन उसने अपने अंदर की शक्ति को काबू करने का हर संभव प्रयास किया।

भाग 2: शक्ति का नियंत्रण

सुहानी को अब यह समझ में आने लगा था कि यह शक्ति कोई साधारण चीज नहीं थी। यह एक गहरी और प्राचीन शक्ति थी, जो किसी भी इंसान के लिए बहुत खतरनाक हो सकती थी। उसे अपनी माँ की याद आ रही थी, जिन्होंने इस शक्ति को संभालने के लिए कितना संघर्ष किया था। सुहानी ने फिर से अपनी आँखें बंद की और अपने मन को शांत करने की कोशिश की।

धीरे-धीरे, उसने महसूस किया कि उसकी शक्ति में कोई नियंत्रण आ रहा है। दीवारों से आती आवाजें अब कुछ कम हो गईं। कमरे की हवा भी शांत हो गई थी। वह अपनी शक्ति के साथ अब धीरे-धीरे सामंजस्य बनाने की कोशिश कर रही थी। उसे महसूस हुआ जैसे वह अब पूरी तरह से नियंत्रित हो चुकी थी, और उसने अपनी आंखें खोलते हुए एक गहरी साँस ली।

“तुमने इसे संभाल लिया, सुहानी,” एक पुरानी आवाज़ आई, “अब तुम्हें यह जानने का समय आ गया है कि तुम्हारी शक्ति का असली उद्देश्य क्या है।”

सुहानी ने अपने चारों ओर देखा, लेकिन कमरे में कोई नहीं था। वह समझ नहीं पा रही थी कि यह आवाज़ कहाँ से आ रही थी। क्या यह वही अजनबी व्यक्ति था या फिर उसकी माँ की पुरानी चेतावनी थी, जो अब भी उसके साथ थी?

भाग 3: अंतिम युद्ध

सुहानी को अब यह समझ में आने लगा था कि यह शक्ति सिर्फ एक साधारण जादूई शक्ति नहीं थी। यह एक खतरनाक शक्ति थी, जिसे अगर गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया तो यह किसी को भी तबाह कर सकती थी। वह महसूस कर रही थी कि वह अब एक ऐसे मोड़ पर आ चुकी थी, जहाँ उसे यह शक्ति या तो खुद पर काबू पाने के लिए इस्तेमाल करनी होगी या फिर इसका सामना करना होगा।

एक रात, जब वह अपने कमरे में बैठी थी, अचानक से कमरे की बत्तियाँ बुझ गईं। वह घबराकर कमरे से बाहर निकली। पूरा घर सन्नाटे में डूबा हुआ था। फिर अचानक, एक भयानक आवाज़ आई, “तुम्हारी शक्ति अब तुम्हें खत्म कर देगी, सुहानी!”

यह आवाज़ उसे उस अजनबी व्यक्ति की याद दिला रही थी। वह समझ गई थी कि अब उसे इस शक्ति का सामना करना ही होगा। उसकी ताकत अब इतनी बड़ी हो चुकी थी कि वह किसी भी इंसान को अपना शिकार बना सकती थी। सुहानी ने गहरी साँस ली और अपने अंदर की शक्ति को पूरी तरह से जागृत किया। उसे अब अपने डर से पार पाना था।

अब वह इस शक्ति का सामना करने के लिए तैयार थी, और एक अंतिम युद्ध का समय आ चुका था। क्या वह इस शक्ति को नियंत्रित कर पाएगी, या फिर यह उसकी जान ले लेगी?


Horror Story in Hindi: Chapter 5 – The Final Confrontation

भाग 1: अंधेरे से उबरना

सुहानी अब पूरी तरह से तैयार थी। वह जानती थी कि वह जिस शक्ति से जूझ रही थी, वह कोई साधारण शक्ति नहीं थी। यह एक भयानक और खतरनाक अंधेरा था, जो उसके जीवन के हर पहलू को निगलने की कोशिश कर रहा था। अब उसे यह समझ में आ गया था कि यह शक्ति केवल एक बाहरी ताकत नहीं थी, बल्कि यह उसके अंदर के भय, गुस्से और शंकाओं का परिणाम थी।

कमरे में बत्तियाँ अब भी बुझी हुई थीं, और सन्नाटा घना हो चुका था। सुहानी ने एक गहरी साँस ली और अपने भीतर की शक्ति को फिर से जागृत किया। “मैं इसे नियंत्रित कर सकती हूँ,” उसने अपने आप से कहा। “यह शक्ति मुझे खत्म नहीं कर सकती।”

तभी, अंधेरे में एक हल्की सी आवाज़ गूंज उठी, “तुम अपनी ही शक्ति को खत्म नहीं कर सकती, सुहानी।” यह वही अजनबी आवाज़ थी, जो उसे लगातार डराती रही थी। लेकिन अब सुहानी के भीतर एक ठान लिया गया आत्मविश्वास था। वह अब डर को अपने दिल से निकाल चुकी थी।

भाग 2: शक्ति से संघर्ष

सुहानी ने अपनी आँखें बंद की और अपने अंदर की शक्ति का पूरी तरह से अनुभव किया। वह महसूस करने लगी कि यह शक्ति अब उसकी पहचान का हिस्सा बन चुकी थी, और वह इसका सही तरीके से इस्तेमाल कर सकती थी। उसने अपने हाथों को आगे बढ़ाया, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गई। कमरे के चारों ओर हल्की सी रोशनी फैलने लगी, और वह महसूस करने लगी कि वह अब अंधेरे से बाहर निकल रही थी।

लेकिन जैसे ही उसने अपना नियंत्रण और मजबूत किया, वह घबराई हुई आवाज़ फिर से गूंज उठी, “तुम इसे नियंत्रित नहीं कर सकती, सुहानी! मैं तुम्हारे अंदर हूँ।” सुहानी के लिए यह अंतिम परीक्षा थी। उसने पूरी शक्ति से उस आवाज़ को नकारा और कहा, “नहीं! अब मैं तुम्हें काबू में करूंगी!”

उसने अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करते हुए एक तेज़ लहर भेजी, और जैसे ही वह लहर दीवारों से टकराई, अंधेरा धीरे-धीरे गायब होने लगा। कमरे में छाई हुई घबराहट और भय का अहसास अब खत्म हो रहा था। सुहानी को महसूस हुआ कि वह अब अपनी शक्ति पर पूरी तरह से नियंत्रण पा चुकी थी।

भाग 3: शक्ति का समापन

सुहानी की आँखें अब शांत हो चुकी थीं, और उसके भीतर की शक्ति भी संतुलित हो चुकी थी। वह जान चुकी थी कि उसकी शक्ति किसी बाहरी शक्ति से नहीं, बल्कि उसके भीतर छुपे भय, घबराहट और विश्वास से उत्पन्न हो रही थी। उसने एक गहरी साँस ली और अपने दिल में स्थिरता महसूस की।

कमरे में सब कुछ सामान्य हो चुका था। बत्तियाँ जल गईं, और बाहर की हवा अब ठंडी और शांति से भर गई थी। वह जानती थी कि उसने वह जंग जीत ली थी। उस अजनबी शक्ति और आवाज़ का डर अब खत्म हो चुका था।

सुहानी को अब यह समझ में आ गया था कि असली ताकत उसके भीतर थी, और वह अपने डर से जीतने में सक्षम थी। उसकी माँ की तरह, उसने भी अपनी शक्ति को नियंत्रित किया था और उसे सही दिशा में इस्तेमाल किया था। अब वह इस शक्ति को अपने जीवन में अच्छे के लिए इस्तेमाल करने के लिए तैयार थी।

यह अंत था उस खतरनाक सफर का, और एक नए अध्याय की शुरुआत थी, जहां सुहानी अब अपने जीवन के हर पल को एक नई रोशनी और विश्वास के साथ जीने जा रही थी।

समाप्त

जवान कहानी पर पढ़े