21 साल का लड़का दिनेश जब मेरा नौकर नहीं, मर्द निकला और मेरी सोच बदल दी – Hindi Sexy Story
मेरा 21 साल का नौकर दिनेश हमेशा। मेरे आगे पीछे घूमता रहता था। मैंने उसे छोटा समझा था । लेकिन एक दिन उसने मुझसे कहा मालकिन। मुझे छोटा समझने की गलती मत कीजिए। उस रात जब मैंने उसे देखा। तो मैं आश्चर्य चकित हो गई थी। क्योंकि उस रात दिनेश 21 साल के लड़के की तरह नहीं। बल्कि 30 साल के आदमी की तरह। मेरा हेलो दोस्तों आज की इस अनोखी कहानी में। आप सभी का स्वागत है। जब से दिनेश मेरे पास सोने लगा था।
तब से मेरे शरीर में बदलाव आने लगे थे। मुझे लगा था कि दिनेश छोटा है। और उसे कुछ समझ नहीं आता होगा। लेकिन धीरे-धीरे उसके असली रंग मुझे दिखने लगे। मैंने कभी सोचा भी नहीं था। कि 21 साल का लड़का मेरी तरह की 40 साल की महिला को। इतना सुख दे सकता है। दिनेश 21 साल का था। उसे मैं गांव से अपने घर काम के लिए लाई थी। मेरे घर में सिर्फ। मैं और मेरा एक साल का बेटा था। जब मैं काम पर जाती थी। तो दिनेश। मेरे बच्चे की देख भाल करता।
और वह मेरे घर में ही रहता था। मैं बिना शादी के मां बन गई थी। मेरे प्रेमी ने शादी का झांसा देकर मुझ से प्रेम का खेल खेला। जब मैं गर्भवती हो गई। तो मैं उसके घर गई। और वहां मैंने देखा कि उसकी शादी हो रही थी। उसने मुझ से प्रेम का नाटक किया। और किसी और लड़की से शादी कर ली थी। मेरे पेट में पल रहे बच्चे को मारने का मेरा मन नहीं हुआ। और जब मैंने गर्भपात कराने का सोचा। तब तक समय निकल चुका था। मैं पाच महीने की गर्भवती हो चुकी थी।
मेरे माता-पिता ने मुझे और मेरे बच्चे को स्वीकार ने से इंकार कर दिया। तब मैं अकेली रहने लगी। कई महीने पहले मैं अपने गांव गई थी। अपने दादा के 90 वें जन्मदिन के लिए। मेरे दादा ने मुझे जन्मदिन का निमंत्रण भेजा था। और इसलिए मैं गांव गई थी। मेरे बेटे को वहां सिर्फ मेरे दादा ने ही प्यार से गोद में लिया था। राघव उनके पास खेल रहा था। तभी ऑफिस से मेरा फोन आया। और मैं कुछ देर के लिए फोन पर बात करने के लिए बाहर चली गई। जब मैं वापस आई तो। मेरा राघव दादा के पास नहीं बल्कि घर के एक नौकर के पास था। मैंने देखा कि राघव उस नौकर के पास अच्छे से खेल रहा था।
Start Part 2 – नौकर दिनेश की Hindi Sexy Story
मैंने अपने बच्चे को उस नौकर से लिया। और वहां से जाने लगी। तभी उस नौकर ने मुझे रोका। वह कहने लगा मालकिन। मुझे थोड़ी मदद चाहिए। मुझे पैसे की नहीं बल्कि काम की जरूरत है। उसने अपना परिचय दिया। और कहा मैं दिनेश हूं। मैं इस घर में गाय भैंस के गौशाला की सफाई का काम करता था। लेकिन अब बड़े साहब गाय भैंस बेचने की बातकर रहे हैं। अगर आपके पास कोई काम हो तो दीजिए। मुझे काम की बहुत जरूरत है। मेरे माता-पिता भी मजदूरी करते हैं। मुझे काम की बहुत जरूरत है। तब मैंने कहा मेरे बच्चे की देखभाल का काम है। लेकिन इसके लिए तुम्हें शहर चलना होगा। इस काम के लिए मैं तुम्हें 10000 महीना दूंगी। दिनेश मेरे साथ शहर आने के लिए तैयार हो गया। राघव उसके साथ अच्छे से रहता था।
और यह देखकर मैंने दिनेश को अपने घर लाने का फैसला किया। दिनेश तब से मेरे घर में ही रहने लगा। उसने कहा कि हर चार महीने ने बाद जब थोड़े पैसे जमा हो जाएंगे। तब वह अपने गांव जाएगा। दिनेश दिन भर मेरे बच्चे की अच्छे से देख भाल करता। और घर के कामों में भी मेरी मदद करता। दिनेश को घर आए एक महीना हो चुका था। और इस एक महीने में उसने मेरा दिल जीत लिया था। उसकी देखभाल से। मेरे बेटे की सेहत भी सुधर गई थी। जो राघव मुझे परेशान करता था। अब वह दिनेश के हाथों से अच्छे से खाना खाता था। मैंने दिनेश को एक अलग कमरा दिया था। एक दिन रात में राघव बहुत रोने लगा। किसी भी तरह से चुप नहीं हो रहा था। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर। दिनेश मेरे कमरे में आया।
और उसने राघव को मुझ से ले लिया। दिनेश के पास जाते ही राघव शांत हो गया था। रात बहुत हो चुकी थी। राघव दिनेश को छोड़ नहीं रहा था। तो मैंने दिनेश को अपने कमरे में ही सोने के लिए कह दिया। सुबह जब मैं उठी तो राघव दिनेश से लिपट कर सो रहा था। उस रात के बाद से दिनेश राघव के लिए मेरे कमरे में सोने लगा। दिनेश के आने के बाद सब कुछ अच्छे से चल रहा था। दिनेश के काम से खुश होकर छुट्टी के दिन। मैं उसे मॉल लेकर गई। वहां मैंने उसके लिए अच्छे कपड़े खरीदे। और सैलून में जाकर उसकी नई हेयर स्टाइल बनवाई। दिनेश देखने में अच्छा था। लेकिन वह एकदम साधारण तरीके से रहता था। उस दिन मैंने उसका पूरा लुक ही बदल दिया था। उसे नए अंदाज में देखकर मैं भी उस पर विश्वास नहीं कर पा रही थी।
कल तक जो एक साधारण सा नौकर था। वह इतना हैंडसम और स्मार्ट दिख सकता है। इसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। मॉल से हम घर आए। तो राघव आते ही सो गया था। मैंने उसे कमरे में बिस्तर पर सुला दिया। और पानी पीने के लिए बाहर जाने लगी। तभी दिनेश मेरे लिए पानी लेकर आया। पानी पीकर मैंने गिलास रखा।
Start Part 3 – नौकर दिनेश की Hindi Sexy Story
और दिनेश मुझे तब से ही एकतक देख रहा था। जैसे ही मैंने गिलास रखा। उसने मुझे गले लगा लिया। कई सालों बाद किसी पुरुष ने मुझे गले लगाया था। मैंने उसे खुदसे दूर किया। तब दिनेश ने कहा मालकिन। आपकी वजह से आज पहली बार। मैं ने खुद से प्यार करना सीखा है। जिंदगी बहुत खूबसूरत है। बस इसे जीना आना चाहिए। आज आपने मेरा लुक चेंज करवा कर मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया है। मैं सच में बहुत अच्छा दिख रहा हूं। दिनेश के चेहरे पर खुशी देखकर मैं भी खुश थी।
अगले दिन से वह बहुत स्वच्छ और सलीके से रहने लगा था। वह 21 साल का था। लेकिन गांव का लड़का होने के कारण उसकी कद काठी अच्छी थी। वह घर में भी रोजाना कसरत करता था। उसकी लंबाई भी ठीक-ठाक थी। मैंने उससे उसकी पढ़ाई के बारे में पूछा था। लेकिन उसने कहा कि अब उसका पढ़ाई से मन उठ गया है। हर सुबह ऑफिस जाने से पहले मैं अपने बच्चे को दुलार कर ऑफिस के लिए निकलती थी। आज जब मैं ऑफिस के लिए निकलने से पहले राघव को चूमने गई। तब वह दिनेश की गोद में था। अचानक राघव ने अपनी गर्दन घुमाई।
और मेरे होठ दिनेश के गाल पर जा लगे। मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई। मैंने उससे माफी मांगीv और ऑन फिस के लिए निकल गई। शाम को जब मैं घर आई। तब भी मैं दिनेश की आंखों में नजर नहीं मिला पा रही थी। दिनेश ने राघव को खाना खिलाकर सुला दिया था। फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया। खाना खत्म करने के बाद। मैं अपने कमरे में गई। वहां मैं अपनी दवाइयां ले रही थी। मुझे माइग्रेन की समस्या थी। उसी की दवा मैं ले रही थी। दवालेने के बाद भी मेरा सिर बहुत दर्द कर रहा था।
मैं अपने कमरे में सिर पकड़ कर बैठी हुई थी। कुछ देर बाद दिनेश कमरे में आया। मुझे इसहाल में देखकर उसने पूछा कि क्या हुआ। जैसे ही उसे पता चला कि मेरा सिर दर्द कर रहा है। उसने मेरे सिर की मालिश शुरू कर दी। दिनेश की मालिश से मुझे आराम मिल रहा था। धीरे-धीरे मुझे गहरी नींद आने लगी। उस रात मुझे बहुत अच्छी नींद आई थी। अगले दिन हमारे ऑफिस में ट्रेडिशनल का फंक्शन था। और इसके लिए मैंने गुजराती लुक अपनाने का फैसला किया । मैंने घाघरा पहन लिया था। लेकिन स्कर्ट का नॉट बांधने में मुझे दिक्कत हो रही थी। तब मैंने दिनेश को कमरे में बुलाया। और उससे नॉट बांधने को कहा। नॉट बांधते समय उसका हाथ मेरी खुली पीठ पर से गुजर रहा था। मैंने उसे छोटा समझा था।
Start Part 4 – नौकर दिनेश की Hindi Sexy Story
इसलिए मैंने यह काम करने के लिए कहा था। मेरे पास और कोई विकल्प भी नहीं था। तैयार होकर जब मैं जाने लगी। तो दिनेश ने मुझे रोका। और अंदर से काजल लेकर आया। उसने मेरे कान के पीछे काजल लगाया। और कहा मालकिन अब आपको किसी की नजर नहीं लगेगी। आप बहुत सुंदर लगर ही हैं। उसकी बात सुनकर मैं हंसी। और चलने लगी। उस दिन शाम को जब मैं घर आई। तो मेरे साथ मेरी एक सहेली और उसका प्रेमी भी आया। दिनेश ने आज बहुत अच्छा खाना बनाया था। मेरी सहेली चार दिन मेरे घर रुकने वाली थी। अगले तीन दिन उसका प्रेमी भी मेरे घर पर था।
अगले दिन रात को दिनेश ने खाना बनाया। और कैरा और उसके प्रेमी को खाने के लिए बुलाया। लेकिन वे दोनों कमरे में ही ड्रिंक कर रहे थे। कैरा तो बहुत ज्यादा पी चुकी थी। वह खाना खाए बिना ही सो गई। उसका प्रेमी हरीश हमारे साथ खाना खाने बैठा। उसने कहा प्राची तुम कैरा से भी ज्यादा सुंदर हो। हरीश के बोलते ही दिनेश उसे गुस्से से देख रहा था। खाना खत्म करने के बाद अपने कमरे में चला गया। उसके जाते ही दिनेश मुझसे कहने लगा। मालकिन आपके यह कैसे दोस्त हैं। मुझे उस आदमी की बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी। तब मैंने दिनेश से कहा। मैं तुझे घर के सदस्य की तरह मानती हूं। इसका यह मतलब नहीं कि तू मेरे मेहमानों से कुछ भी कह दो। आए हुए मेहमानों की सेवा करना। इसलिए तू सिर्फ वही कर बाकी मुझे कुछ सिखाने की जरूरत नहीं। दिनेश को डांट कर। मैं अपने कमरे में चली गई। मैंने उसे डांट दिया था।
फिर भी वह मेरे लिए पानी लेकर आया। तब मैंने अपनी दवा ली। और पानी पीकर सो गई। आज दिनेश मेरे कमरे में सोने नहीं आया था। ऐसा मुझे लगा लेकिन सुबह जब मेरी आंख खुली। तो मैंने उसे अपने बगल में पाया। सुबह मेरीआंख खुली। तो मेरे सामने कैरा थी। वह बहुत गुस्से में लग रही थी। दिनेश को मेरे सामने लाया गया।उसके हाथ में कैरा की ओढ़नी बंधी हुई थी। कैरा ने कहा तुम्हारे इस देहाती नौकर ने। मेरे प्रेमी का हाथ तोड़ दिया है। दिनेश बस सिर हिलाता रहा। और बोला मालकिन मैंने कुछ भी नहीं किया। रात को हरीश साहब नशे में थे। तभी उनका संतुलन बिगड़ गया होगा। और वे गिर गए होंगे। दिनेश भला हरीश साहब पर हाथ क्यों उठाएगा। कैरा अब भी नशे में लग रही थी। ऐसा मुझे लगा। दिनेश ने मेरे लिए उन दोनों से माफी मांगी। कैरा और हरीश तभी वहां से चले गए। दिनेश मुझसे भी माफी मांगने लगा।
Start Part 5 – नौकर दिनेश की Hindi Sexy Story
मुझे पता था कि उसने कुछ नहीं किया था। आज मैंने छुट्टी ली थी। क्योंकि कई दिनों से मैं बहुत व्यस्त थी। आज सोचा कि खुद के लिए थोड़ा समय निकालू। नाश्ता करने के बाद मैं फिर से एक घंटे के लिए सो गई। राघव भी मेरे साथ सो गया था। उठने के बाद मुझे एक कप चाय की जरूरत महसूस हुई। मैं दिनेश को चाय बनाने के लिए पुकार रही थी। लेकिन उसकी तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा था। उसे ढूंढते ढूंढते मैं उसके कमरे में गई। वहां जाकर देखा कि दिनेश अभी-अभी नहा कर बाथरूम से बाहर आया था। उसने शर्त नहीं पहनी थी। मैंने पहली बार उसे इस तरह देखा। दिनेश का शरीर बेहद मजबूत था।
उसका शरीर किसी योद्धा की तरह दिख रहा था। मैं उसे टकटकी लगाकर देख रही थी। मुझे उस वक्त कोई होश नहीं था। कई सालों बाद मैं किसी जवान पुरुष को इस तरह बिना कपड़ों के देखर ही थी। मैं उसे टकटकी लगाए देख रही थी। तभी दिनेश ने मुझे आवाज दी । वह मेरे सामने शर्ट पहनकर खड़ा था। फिर भी मैं अपने सुद्धबुद्ध खोए उसे देख रही थी। उसने मेरी आंखों के सामने छुटकी बजाई तब मैं होश में आई। और उससे कहा कि मेरे लिए चाय बना दे। आज घरमें ही थोड़ा खुद का स्किन केयर करने का सोचा। इसलिए दोपहर के समय में अपने कमरे में अपना पार्लर चलाने लगी। उस समय मैंने शॉर्ट्स और गाउन पहन रखा था। और मैं अपने पैरों का वैक्सिंग कर रही थी। वैक्सिंग करते समय गलती से मैंने थोड़ा ज्यादा गर्म वैक्स अपने पैर पर लगा लिया जिससे जलन हुई। और मेरे मुंह से तेज आवाज निकल गई।
मेरी आवाज सुनकर दिनेश दौड़ता हुआ मेरे कमरे में आया। उसने मेरे जले हुए पैर को देखा। उसने मेरे पैर से गर्म बैक्स हटाया। और वहां क्रीम लगा दी। उसके हाथ बार-बार मेरे पैर पर अनजाने में फिर रहे थे। और उस वक्त मेरे मन में जो भावनाएं उत्पन्न हो रही थी। उन्हें व्यक्त करना मेरे लिए मुश्किल हो रहा था। दिनेश की नजर मुझ पर पड़ते ही। मैं दर्द से कराह उठी। मुझे इस हालत में देखकर उसने कहा मालकिन अब आप बस आराम से लेट जाइए। आपको जो भी करना है मुझे बताइए। मैं आपकी मदद कर दूंगा। मैंने उसे मेरे दूसरे पैर का वैक्सिंग करने को कहा। दिनेश ने जैसा मैंने बताया। वैसा ही किया उसने मेरे पैरों की मसाज भी कर दी। उसके स्पर्श से मुझे बहुत आराम मिला। आज का छुट्टी का दिन मेरे लिए आरामदायक बीता। राम में हर गुण भरा हुआ था। वह किसी भी काम में पीछे नहीं था।
Start Part 6 – नौकर दिनेश की Hindi Sexy Story
आज रात मैंने उसे मेरे कमरे में सोने के लिए मनाकर दिया। दिन भर मैं घर में नहीं होती। कम से कम रात को तो मुझे मेरे बच्चे के साथ अकेले समय बिताना चाहिए। हर बार दिनेश का आना मुझे पसंद नहीं था। इसलिए मैंने उसे कमरे में सोने के लिए मना कर दिया। इस तरह दिन बीतने लगे। कुछ दिनों तक दिनेश के बिना। राघव रात को सो नहीं पाता था। लेकिन धीरे-धीरे उसने रोना बंद कर दिया। मुझे अपने अंदर कुछ बदलाव महसूस होने लगे थे। सुबह उठते ही मेरा शरीर बहुत दुखने लगता था।अचानक यह सब क्यों हो रहा है। समझ नहीं आ रहा था कुछ दिनों में मेरी शारीरिक पीड़ा इतनी बढ़ गई। कि मुझे बिस्तर से उठने की भी इच्छा नहीं होती थी। तब मैंने ऑफिस से एक हफ्ते की छुट्टी ले ली। कुछ दिनों आराम किया शायद थोड़ा ठीक हो जाऊं। अब पूरा वक्त राघव दिनेश के साथ रहता था। जब मुझे भूख लगती। तो वह बीच-बीच में मेरे पास आ जाता। आज मैं अपनी कमर पकड़ कर बैठी थी। रात को दिनेश पानी लेकर मेरे कमरे में आया।
मेरी कमर पर हाथ देखकर उसने समझ लिया कि मुझे बहुत तकलीफ हो रही है। दिनेश ने कहा मालकिन अगर आपको कोई आपत्ति ना हो तो। मैं आपकी कमर की मालिश कर देता हूं। मेरी कमर इतनी दुख रही थी। कि मैंने उसकी मालिश के लिए हां कर दी। लेकिन उससे पहले। मैंने अपने कमरे की लाइट बंद कर दी। छोटी जीरो बल्ब की रोशनी में मेरी कमर उसे नहीं दिखेगी। इसलिए मैंने कमरे की बड़ी लाइट बंद करके जीरो बल्ब जला दिया। वह जब मालिश कर रहा था। मुझे बहुत आराम मिल रहा था। मालिश करने से मेरी पीड़ा जैसे झट से गायब हो गई थी। मालिश करते समय दिनेश ने मुझसे पूछा। मालकिन आपको राघव के पिता की कभी याद नहीं आती । आप इतनी सुंदर और जवान होकर भी अभी तक अकेली क्यों है। उसके सवाल का मेरे पास कोई सही उत्तर नहीं था। मैंने उससे कहा कि शायद तुम्हारे सवाल का उत्तर मेरे पास नहीं है। उस सवाल पर वहीं विराम लग गया। दिनेश की मालिश से मुझे अच्छी नींद आ गई थी।
अगले दो दिन बाद वह तारीख थी। जब मैंने अपने प्रेमी से मुलाकात की थी। आखिर वह दिन आ ही गया। उस दिन मैंने दिन भर अपने मन को किसी ना किसी काम में व्यस्त रखने की कोशिश की। लेकिन रात के अंधेरे में मुझे अपने प्रेमी की बहुत याद आ रही थी। आज वह मेरे साथ नहीं था। लेकिन वह मेरे बच्चे का पिता था। राघव को देखकर मुझे रोज उसकी याद आती थी। और आज मैं अपने भावनाओं को छुपा नहीं पाई। मैं अपने कमरे में जोर-जोर से रोने लगी। राघव पास में सो रहा था। इसका भी मुझे ध्यान नहीं रहा। मैंने आज अपनी दवाइयां भी नहीं ली थी। दिनेश पानी लेकर मेरे कमरे में आया। मुझे रोते हुए देखकर उसने मुझे पानी पि लाया। जब मैं शांत हुई तो उसने मुझे दवाइयां दी मेरे रोने की आवाज से राघव हल्का हिलने लगा। वह जाग ना जाए इसलिए दिनेश मुझे अपने कमरे में ले गया। वहां जाकर मैंने उसे कस कर गले लगा लिया। ऐसा लग रहा था कि मैंने अपना होश खोदिया था। मेरा रोने का कारण सुनकर दिनेश भी शांत हो गया था।
वह लगातार मेरे आंसू पोंछ रहा था। रोते-रोते मैंने उसका कंधा पकड़ लिया। धीरे-धीरे मैंने उसे और करीब खींच लिया। मैंने उससे कहा दिनेश आज की रात। मैं तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूं। तब दिनेश ने कहा मालकिन मैं अभी छोटा हूं। मुझे कुछ भी नहीं आता। उसकी बात सुनकर मैंने उसे और पास खींच लिया। उस रात मैं उसके कमरे में में थी। लेकिन सुबह जब मैं उठी। तो वह मेरे पास नहीं था । उसकी शर्ट वहीं पड़ी हुई थी। जब मैं बाहर गई तो मैंने देखा। कि दिनेश मेरे बच्चे को दूध और बिस्किट खिला रहा था। मुझे राघव का ख्याल नहीं आया था। लेकिन दिनेशने नहीं भुलाया उसने हम दोनों मां बेटे को खुश कर दिया था। रात की थकान के बाद मैं सुबह देर से उठी थी। दिन भर दिनेश ने मुझसे नजरें नहीं मिलाई। आज कैरा मुझसे मिलने घर आई थी। वह दिनेश की तरफ देख भी नहीं रही थी। दिनेश ने उसे पानी दिया । और कमरे से बाहर चला गया। थोड़ी देर बातें करने के बाद कैरा जाने लगी। जाते समय उसने मुझसे कहा जितनी जल्दी हो सके।
Start Part 7 – नौकर दिनेश की Hindi Sexy Story
अपने नौकर को यहां से निकाल दो। वह दिखने में जितना मासूम लगता है । उतना है नहीं । उसकी बात का मैंने खास ध्यान नहीं दिया। रोज की तरह रात को खाना। खाने के बाद दिनेश ने मुझे पानी का गिलास मेरे कमरे में लाकर दिया। और उसने राघव को भी सुला दिया था। राघव आज बाहर हॉल में झूले में सो रहा था। दिनेश उसकी देखभाल कर रहा था। मैंने अपने कम की लाइट बंद कर दी । और सो गई। कुछ समय बाद मुझे राघव की आवाज सुनाई दी। उसकी आवाज से मेरी नींद खुली। मैं उठने वाली थी कि तभी उसकी रोने की आवाज बंद हो गई। कुछ समय बाद मुझे अपने कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज सुनाई दी। मैं चुपचाप सब देख रही थी। दिनेश मेरे कमरे में आया था। उसने मेरे पास आकर यह देखने की कोशिश की। कि मैं सो रही हूं या नहीं। और फिर उसने मेरा मोबाइल उठाया उसकी वह खोज बीन देखकर।
मैंने जल्दी से कमरे की लाइट ऑन कर दी। मुझे जागता हुआ देखकर वह चौक गया। मैंने उसके हाथ से अपना मोबाइल छीन लिया। मैंने उससे कहा दिनेश यह सब क्या चल रहा है। तुम इस वक्त यहां क्या कर रहे हो। वह कुछ नहीं कह कर वहां से जाने लगा। लेकिन मैंने उसे इतनी आसानी से छोड़ने का इरादा नहीं किया था। मैंने उसे उसका वीडियो दिखाया जिसमें वह कैरा के बॉय फ्रेंड पर हाथ उठा रहा था। उसदिन हरीश के मोबाइल का कैमरा गलती से चालू रह गया था। और उसमें उनकी हाथापाई रिकॉर्ड हो गई थी। सुबह जब कैरा मुझसे मिलने आई थी। तब उसने मुझे वह वीडियो दिखाया था।और तब से मैं दिनेश पर नजर रख रही थी। दिनेश तुमने झूठ क्यों बोला। तुमने हरीश पर हाथ क्यों उठाया।
तब उसने कहा जो भी आप पर बुरी नजर डालेगा। उसके साथ मैं यही करूंगा मालकिन। उस रात जब हरीश नशे में था वह आपके कमरे में आया था । वह आपके साथ कुछ गलत करने की कोशिश कर रहा था। और इसीलिए मैंने उस पर हाथ उठाया। दिनेश की बात सुनकर मैंने कहा ठीक है। मैं तुम्हारी बात मानती हूं। लेकिन तुम मुझे नींद की दवा क्यों दे रहे थे। आज मैंने तुम्हें मेरे पानी में दवा मिलाते हुए देखा है। तुम्हारी नजर मुझ पर थी। और तुम जो चाहते थे।
वह मैंने तुम्हें दे दिया है। अब अपना हिसाब करो और गांव निकलो। मेरी बात सुनकर दिनेश बोला मालकिन आप जैसा सोच रही हैं। वैसा कुछ भी नहीं हुआ है। कल रात मैंने आपके साथ कुछ भी गलत नहीं किया। मैंने आपके पानी में नींद की दवा मिलाई थी। जिससे आप मेरे पास आते ही सो गई थी।और मुझे आपके साथ कुछ भी गलत नहीं करना था। कुछ दिन पहले मैंने आपको रात में फोन पर बात करते हुए देखा था। मैंने आपकी बातें सुनी थी। आप फिर से अपने उस प्रेमी से मिलने की तैयारी कर रही थी।
Start Part 8 – नौकर दिनेश की Hindi Sexy Story
आपकी मुलाकात आपके ही घर में तय हुई थी। मुझे यह सब पता था। आप उससे ना मिले इसलिए मैं । आपको रात में नींद की दवा दे रहा था। वह व्यक्ति अब भी आपको धोखा दे रहा है। वह आपसे झूठ बोल रहा है। वह आपके बच्चे को आपसे छीनने के लिए आपके करीब आ रहा है । उसकी पत्नी को बच्चा नहीं हो सकता। इसलिए वह आपके पास आ रहा है।
उसने अपनी पत्नी को तलाक नहीं दिया है। वह आपसे झूठ बोल रहा है। दिनेश तुम हो कौन तुम्हें यह सारी जानकारी कैसे मिली। तबउ सने कहा आपके बाबा साहेब ने मुझे आपका फोटो दिखाया था। मुझे आप पहली नजर में हीअच्छी लगी थी। लेकिन बाबा साहेब ने यह भी कहा था। कि आप शादी के खिलाफ हैं। तब मैंने उनके साथ मिलकर यह प्लान बनाया।
आपके दिल में अपनी जगह बनाने के लिए। मैं यहां आया था । लेकिन यहां आने के बाद। मैंने देखा कि बहुत से लोग आप पर बुरी नजर रखते हैं। इसलिए मैंने आपकी सुरक्षा करनी शुरू कर दी। दिनेश 21 साल का नहीं था। मेरा पहला शक् सही निकला। वह 30 साल का था। और एक अच्छी नौकरी पर था। उसने मेरे प्यार के लिए इतनी मेहनत की थी। दिनेश ने मेरे प्रेमी के बारे में जो भी कहा था। वह सब सच था दिनेश ने मेरे प्रेमी की सारी जानकारी सही निकाली थी। दिनेश जैसा ईमानदार पति और मेरे बच्चे का पिता मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी। मैंअपने प्रेमी के धोखे के जाल में फंसने से बच गई थी।
आज मैं विक्रांत उर्फ दिनेश के साथ बहुत खुश हूं। वह मुझसे और मेरे बच्चे से बहुत प्यार करता है। मेरे बाबा साहिब की वजह से आज मेरा परिवार शुरू हुआ। मुझे दिनेश जैसा पति मिला यह मेरा सौभाग्य था। दोस्तों। जो आप से सच्चा प्यार करता है। वह किसी भी कठिनाई में आपका साथ नहीं छोड़ता। रिश्ते निभाने वाले को किसी वजह की जरूरत नहीं होती। और रिश्ते तोड़ने वालों के लिए एक बहाना भी काफी होता है। तो दोस्तों। यह थी हमारी आजकी छोटी सी कहानी। धन्यवाद !
End – नौकर दिनेश की Hindi Sexy Story “धन्यवाद ! दोस्तों”
Posted on: October 22, 2024
Categories: Hindi Sexy Story
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