Horror Story, Hindi Story Nisa Rani

100+ Horror Story in Hindi | भूत की कहानी

100+ Horror Story in Hindi

 

कहानी का नाम
#1 एक खौ़फनाक सफर
#2 एक डरावनी कहानी हिंदी में
#3 सुहानी की खौ़फनाक कहानी
100+ Horror Story in Hindi

भूतिया पेड़ का राज: Horror Story in Hindi

यह कहानी एक छोटे से शहर के एक कॉलेज की है, जो अपने पुराने और भूतिया इतिहास के लिए जाना जाता था। कॉलेज के एक हिस्से में एक पेड़ था, जिसे सभी छात्र “भूतिया पेड़” के नाम से जानते थे। यह पेड़ कॉलेज के पुराने भवन के पीछे स्थित था, जहाँ कोई भी छात्र बिना डरे और खौफ के पास नहीं जा सकता था। कॉलेज में एक अजीब सी खामोशी रहती थी, जैसे वहां कुछ तो था जो सभी से छिपा हुआ था।

कॉलेज के पास ही एक छोटे से गाँव का निवासी रघु था, जो नए साल की छुट्टियों में अपने गाँव से कॉलेज में पढ़ाई के लिए आया था। वह एक साधारण लड़का था, लेकिन उसे कुछ रोमांचक और खौफनाक चीजें हमेशा खींचती थीं। कॉलेज में दाखिला लेने के बाद, रघु ने सुना था कि कॉलेज के पुराने भवन के पास एक भूतिया पेड़ है, जिसके पास जाने से लोग गायब हो जाते हैं। यह बात सुनकर वह बहुत उत्सुक हो गया और उसने तय किया कि वह उस पेड़ के पास जरूर जाएगा, ताकि खुद अपनी आँखों से देख सके कि क्या सचमुच कुछ ऐसा है जैसा लोग कहते हैं।

रघु ने अपनी एक दोस्त, सिमा, से इस बारे में बात की। सिमा ने रघु को बताया कि वह भी उस पेड़ के पास जाने की कोशिश कर चुकी थी, लेकिन कुछ अजीब घटनाएं घटी थीं, जो उसे आज तक नहीं भूल पाई। सिमा के मुताबिक, उस पेड़ के पास जाते ही लोगों का दिल घबराने लगता था, और फिर वह खुद को असहाय महसूस करने लगते थे। एक बार वह खुद उस पेड़ के पास गई थी, तो उसने देखा था कि कुछ लोग अचानक गायब हो गए थे।

रघु ने सिमा की बातें सुनीं, लेकिन उसका दिल कह रहा था कि यह सब सिर्फ अफवाहें हैं। उसने तय किया कि वह रात के अंधेरे में अकेले ही उस पेड़ के पास जाएगा। एक रात, जब कॉलेज के सभी छात्र सो रहे थे, रघु ने चुपके से अपनी अलमारी से एक टॉर्च निकाली और बाहर की ओर निकल पड़ा।

रघु जैसे ही उस पेड़ के पास पहुंचा, उसे महसूस हुआ कि हवा में एक अजीब सी ठंडक है। पेड़ के पत्ते खड़क रहे थे, जैसे कुछ अदृश्य ताकत उन्हें हिलाती हो। रघु ने टॉर्च की रोशनी पेड़ की ओर डाली और देखा कि पेड़ की शाखाएँ एक अजीब सी दिशा में मुड़ी हुई थीं, जैसे किसी इंसान की हाथों की तरह। पेड़ का तना काले रंग का और सूखा हुआ था, जैसे वह सदीयों से यहाँ खड़ा हो। उसकी जड़ों के पास कुछ खून के धब्बे थे, जिन्हें देखकर रघु का दिल घबराने लगा। लेकिन उसने अपनी डर को छिपाते हुए, एक कदम आगे बढ़ाया।

रघु जैसे ही पेड़ के नजदीक पहुंचा, उसे अचानक एक हल्की सी आहट सुनाई दी। वह घबराया और तेजी से पीछे मुड़ा, लेकिन कोई नहीं था। वह फिर से आगे बढ़ा और पेड़ के तने को छुआ, जैसे ही उसकी उँगलियाँ तने पर पड़ीं, उसे महसूस हुआ कि पेड़ में एक अजीब सी गर्मी फैल रही थी। अचानक, पेड़ के नीचे से एक सफेद धुंआ सा निकला, और रघु की आँखें धुंधली हो गईं।

कुछ देर बाद जब धुंआ हटा, तो रघु ने देखा कि सामने एक महिला खड़ी है, जिसका चेहरा पूरी तरह से खौफनाक था। उसकी आँखें पूरी तरह से लाल थीं और उसके शरीर पर एक सफेद साड़ी लिपटी हुई थी, जो खून से सनी हुई थी। महिला ने धीरे-धीरे रघु की ओर कदम बढ़ाए। रघु घबराया और पीछे हटने लगा, लेकिन उसके पैरों ने जैसे खुद से चलना बंद कर दिया।

“तुम यहाँ क्यों आए हो?” महिला की आवाज़ गहरी और डरावनी थी।

रघु बमुश्किल बोला, “मैं सिर्फ… सिर्फ देखना चाहता था।”

महिला ने एक दर्दनाक हंसी दी और कहा, “तुम जैसे और कई लोग आए थे। उन्होंने भी यही सोचा था, लेकिन अब तुम मेरे साथ रहोगे, क्योंकि तुमने मेरी दुनिया को छेड़ा है।”

रघु ने डर के मारे आँखें बंद कर लीं, और जैसे ही उसने अपनी आँखें खोलीं, उसने देखा कि वह अब पेड़ के नीचे खड़ा नहीं था। वह किसी अजीब और अंधेरे जगह पर था, जहाँ चारों ओर सिर्फ काले धुंए का माहौल था। वहाँ एक डरावनी खामोशी थी। रघु की आँखों के सामने वही महिला खड़ी थी।

“यह जगह मेरी है, अब तुम यहाँ कभी नहीं जा सकोगे।” महिला ने कहा। रघु के शरीर में कोई ताकत नहीं बची थी, और वह बस वहीं खड़ा हो गया।

महिला ने रघु को अपनी ओर खींचते हुए कहा, “तुम्हें दर्द नहीं होगा, लेकिन तुम हमेशा के लिए यहाँ रहोगे।”

रघु के साथ वही हुआ, जो सिमा ने बताया था। वह गायब हो गया। सुबह जब कॉलेज के छात्र उठे, तो सभी ने देखा कि रघु का कहीं भी पता नहीं था। उसकी किताबें और सामान वहीं छोड़ दिए गए थे, लेकिन वह खुद कहीं नहीं था।

कुछ दिनों बाद, जब रघु की गायब होने की घटना को लेकर कॉलेज में चर्चा हो रही थी, सिमा ने सबको बताया कि रघु भी वही गलती कर बैठा था, जो पहले कई छात्र कर चुके थे। वह पेड़ सिर्फ एक पेड़ नहीं था, बल्कि उस पेड़ के अंदर एक आत्मा बसी हुई थी, जो दर्द और दुख से भरी हुई थी। वह आत्मा किसी के पास जाने पर उसे गायब कर देती थी। वह आत्मा किसी और नहीं, बल्कि एक लड़की की थी, जिसका नाम “नैना” था। नैना का प्यार उसे छोड़कर चला गया था, और वह दर्द में जीती रही, यहाँ तक कि उसने अपनी जान भी ले ली। अब उसका भूत उस पेड़ में बसा था, और वह किसी को भी अपनी दुनिया में खींच लेता था।

अब भी उस कॉलेज में कोई नहीं जाता उस पेड़ के पास। लोग कहते हैं कि अगर आप उस पेड़ के पास जाते हैं और कोई दुखी होते हुए रोते हैं, तो वह आत्मा आपको गायब कर देती है। रघु की कहानी सबके लिए एक चेतावनी बन गई थी – “कभी भी दर्द और रोने के साथ किसी अजनबी स्थान पर न जाएं, क्योंकि वहां कुछ ऐसा होता है, जो आपको हमेशा के लिए अपनी गिरफ्त में ले सकता है।”

समाप्त।

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